रायगढ़ । सारंगढ़ में एक अजीबो गरीब मामला समाने आया है। जिसमें एसी ऐसी शिकायतें हुई हैं जिसकी वजह हड़कंप मचा हुआ है। शिकायत ऐसी भी नहीं पूरे पुख्ते तौर पर शिकायत हुई है और शिकायत कर्ता में नगर के भाजपा नेता मयूरेश केशरवानी के घरेलू नाम बंटी केशरवानी के नाम से हुई। शिकायत के बाद जब कार्रवाई के लिए उच्च स्तर से पत्र आया तो जिनके खिलाफ शिकायत हुई थी उनके होश उड़ गए। शिकायत पर कार्रवाई के पत्र आते ही हड़कंप मच गया।
अनान फानन में जब बंटी केशरवानी से संपर्क किया गया तब पता चला की उन्होंने तो कोई शिकायत ही नहीं की है, और जब कभी किसी मामले में उनके द्वारा शिकायत की जाती है अपने मूल नाम से शिकायत करते हैं। इस अजब दास्तां की नगर में खूब सुर्खियां बटोर रही है।
बंटी केशरवानी उर्फ मयूरेश केशरवानी का कहना है कि उनके द्वारा ऐसी कोई शिकायत ही नहीं की है। बंटी उर्फ मयूरेश केशरवानी का कहना है हो सकता है उन्हे बदनाम करने की राजनीतिक साजिश हो। उन्होंने कहा की इसकी जांच भी हो कि उनके नाम से फर्जी शिकायत कौन कर रहा है फर्जी शिकायत करने वालों के नाम भी उजागर होना चाहिए।
यह जरूर शरारती तत्वों का काम हो सकता है। कानाफूसी इस बात की है जिनके खिलाफ शिकायत हुई है उन्ही के इर्द गिर्द रहने वालों की हो सकती है। जो उनके इन सारे मामलों के राजदार हैं।इस मामले में कुछ लोगों का कहना है की यह सब उनका काम है जिन्हे सारी तत्यों की पूरी जानकारी है और एक तरफ दोस्ती निभा रहे हैं और दूसरी तरफ किसी का बढ़ता राजनीति कद काटने का षड्यंत्र हो सकता है।
नगर में इस बार की चर्चा अब सरेआम हो रही है कि किस तरह से उनके अपने लोग उनकी टांग खींचने पर उतारू हैं लेकिन वे ऐसी रणनीति अपना रहे हैं जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे, परंतु अब ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है।
अब खास बात ये है की जिन जिन जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई करने कहा गया है क्या अब उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और अब जब यह प्रमाणित हो गया है की शिकायत कर्ता बंटी केशरवानी ने साफ कर दिया है कि उन्होंने ऐसी कोई शिकायत नहीं की है। तो अब जिनकी कुर्सी खतरे में पड़ गई है शासन स्तर से कार्रवाई का आदेश आया है अब उसका क्या होगा यह एक बड़ा सवाल अब नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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