अंबिकापुर।
भूमि बंधु सामाजिक अध्ययन, प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की वार्षिक बैठक संस्था के कार्यालय, जेल रोड, बाबूपारा, अंबिकापुर में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता संस्था की अध्यक्ष श्रीमती कौशल्या ने की। इस अवसर पर संस्था के सभी पदाधिकारीगण और सदस्यगण उपस्थित रहे।
बैठक में वर्ष 2024–25 के वित्तीय बजट और आय-व्यय विवरण की समीक्षा की गई। साथ ही वन अधिकार कानून परियोजना एवं “हमगुड़ी: द एक्स्ट्रा क्लास” शिक्षा परियोजना की प्रगति पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं:
वन अधिकार कानून परियोजना के अंतर्गत बलरामपुर जिले के 10 गांवों में कार्य किया गया, जिसमें लगभग 12,000 आदिवासी परिवारों को जागरूक किया गया। उन्हें व्यक्तिगत वन अधिकार दावों की प्रक्रिया समझाई गई एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।
“हमगुड़ी: द एक्स्ट्रा क्लास” के अंतर्गत 490 आदिवासी बच्चों को आवासीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए विशेष तैयारी प्रदान की जा रही है। इस परियोजना में गणित, अंग्रेजी और तकनीकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।
संस्था ने आगामी वर्षों के लिए शिक्षा परियोजना के नए जिलों – सरगुजा, बलरामपुर, रायगढ़, कोरबा और महासमुंद – में विस्तार करने का निर्णय लिया है।
भारत में लगभग 2 करोड़ छात्र ड्रॉप आउट हो रहे हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ से 50,000–60,000 और सरगुजा संभाग से 10,000–15,000 बच्चे शामिल हैं। इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए संस्था ने अगले तीन वर्षों के लिए एक विशेष कार्य योजना बनाने का निर्णय लिया है।
संस्थागत पुनर्गठन के अंतर्गत, वर्तमान बोर्ड सदस्य दीप्तिमणि बसरा एवं मधु सोड़ी ने व्यक्तिगत कारणों से कार्यमुक्ति ली है। उनके स्थान पर यमुना सिदार एवं तबस्सुम निशा को नई सदस्याओं के रूप में सर्वसम्मति से नामित किया गया।
बैठक में उपस्थित पदाधिकारीगण व सदस्यगण अध्यक्ष श्रीमती कौशल्या, उपाध्यक्ष श्रीमती भोजमति राठिया,
सचिव श्रीमती सविता रथ, सहसचिव दीपक भट्टाचार्य, कोषाध्यक्ष सौरभ मुखर्जी सदस्य श्रीमती मधु सोड़ी, श्रीमती दीप्तिमणि बसरा कार्यक्रम समन्वयक राजबली मरकाम, क्षेत्रीय कार्यकर्ता संतोष कुमार, जवाहर लाल रायगढ़ से राजेश त्रिपाठी, अक्षय नायक, शिव पटेल, राजेश गुप्ता, सदस्य संसद अंसारी, श्रीमती तृप्ति विश्वास, श्रीमती आरती नाग, अजय सिंह, मोहन सिंह की उपस्थिति में बैठक में सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया। संस्था ने आने वाले वर्ष में शिक्षा, वनाधिकार एवं सामाजिक विकास के क्षेत्रों में और अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
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