रायगढ़।
महाराष्ट्र पावर जेनरेशन कंपनी द्वारा गारे पेल्मा सेक्टर 2 के लिए जमा कराए गए ग्राम सभा के फर्जी दस्तावेज को लेकर प्रभावित गांव के ग्रामीणों का एक दल गत दिवस कलेक्ट्रेट पहुंचा और हलफनामा के साथ आवेदन प्रस्तुत कर कलेक्टर से कार्रवाई की मांग की गई। साथ पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात कर जनकारिंडी गई।
महाजेंको की एमडीओ कम्पनी अडानी के लोग कुछ ग्रामीणों को लेकर कलेक्टर के समक्ष जल्द खदान चालू करने और मुआवजा भुगतान को लेकर आवेदन देने पहुंचे थे। इसकी भनक पूरे क्षेत्र में फ़ैल गई। इसके पश्चात स्थानीय ग्रामीणों का एक दल भी कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को फर्जी ग्राम सभा कराने के दस्तावेज के विरुद्ध शपथ पत्र के साथ कलेक्टर को आवेदन प्रस्तुत किया। जिसमे कहा गया है की महाजेंको द्वारा फर्जी दस्तावेज जमा किया है इसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। जिला दंडाधिकारी कार्यालय रायगढ़ पहुंचे ग्रामीणों ने बताया की पेड़ कटाई से लेकर अब तक जो भी किया गया है वह उसी फर्जी ग्राम सभा दस्तावेज को सामने रखकर किया है। जबकि वह ग्राम सभा पूरी तरह से फर्जी है।
ग्रामीणों ने बताया की ग्राम सभा होने के पूर्व गांव में मुनादी की जाती है तारीख निर्धारित की जाती है प्रशासन के नुमाइंदे स्वयं इस पूरी कार्रवाई को करवाते हैं। जिस तारीख को ग्राम सभा प्रस्ताव का होना बताया गया है दस्तावेजों में जो तारीख अंकित है। उस तारिख का ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं है जिससे यह जाहिर हो या प्रमाणित हो कि महाजेंको को कोयला खदान के ग्रामीणों ने सहमति में प्रस्ताव पारित किया है। कंपनी के पास ऐसा कोई दस्तावेज अथवा प्रमाण है ही नहीं जिससे साबित हो सके की ग्राम सभा द्वारा प्रस्तावित अनापत्ति प्रमाणपत्र सत्य और सही है और उस तारिख को हुई है।
प्रभावित गांव से आए कन्हाई पटेल जनपद सदस्य भी हैं ने बताया कि फर्जी ग्राम सभा दस्तावेज के सामने आने के बाद ग्रामीणों के द्वारा सामूहिक रूप से तमनार थाने में कार्रवाई हेतु लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया है किंतु आज तक फर्जी ग्राम सभा जमा कराने के मामले में महाजेंकों के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया गया। जबकि इस मामले तत्काल एफआईआर दर्ज हो जानी चाहिए। मामला बेहद संगीन है क्योंकि यह क्षेत्र अनुसूचित जाति क्षेत्र अंतर्गत पेसा एक्ट प्रभावित क्षेत्र है और यहां पेसा कानून लागू है, यहां पर महाजेंको के द्वारा कानून के साथ खिलवाड़ किया है। कुटराचित फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव जमा कराकर कानून का घोर उल्लंघन किया गया है।
कन्हाई पटेल और अन्य ग्रामीणों ने आगे बात करते हुए बताया कि अडानी के कर्मचारियों और उनके गुर्गों द्वारा खदान चालू करने के समर्थन में आवेदन जमा कराया गया है। उन्होंने इसके मुख्य कर्ता धर्ता को बताया उनमें से अधिकांश ऐसे दलाल हैं जो मौका देखकर हर जगह पहुंच जाते हैं अपनी रोटी सेंक कर मोटी रकम भी कमाते हैं। ये लोग कंपनी के अधिकारियों के साथ मिलकर ग्रामीणों को बहकाने का काम करते हैं प्रभावित क्षेत्र में उनकी काफी धमक है। और प्रलोभन देकर भी कुछ को हमेशा अपने पक्ष में रखते है और हर जगह जनसुनवाइयों में भी इनकी पूरी दखल होती है।
कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों ने बताया की पत्रकारों के साथ हुई घटना क्रम यदि नहीं हुई होती तो उन्हे यह भी पता नहीं चल पाता कि अडानी के अधिकारी इन दलालों के साथ षडयंत्र रचकर कुछ ग्रामीणों को प्रलोभन देकर रायगढ़ जिला दंडाधिकारी कार्यालय लाकर जल्द मुआवजा देने और खदान चालू करने के लिए आवेदन दिया गया है। यह खबर पूरे गांव में फ़ैल गई। गांव के लोगों ने आपस में विचार विमर्श कर महाजेंकों द्वारा जिला दंडाधिकारी के समक्ष फर्जी ग्राम सभा दस्तावेज जमा कराने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जायेगी। जिसके परिपेक्ष्य में आज यहां आएं हैं। उन्होंने बताया कि आवेदन पूर्व में तमनार थाने में दिया गया था लेकिन कार्रवाई न होने से अडानी के अधिकारियों और दलालों के हौसले बुलंद हो गए हैं और अब दलालों के साथ मिलकर कुछ ग्रामीणों को प्रलोभन देकर खदान चालू करवाने की मांग करने पहुंच गए। उस समय यदि पत्रकारों के द्वारा ग्रामीणों से पूछताछ नहीं की गई होती तो उन्हे इस बात का पता भी नहीं चलता। और इसी आधार पर इन दलालों के सहारे अडानी के अधिकारी बलपूर्वक गांव खाली कराने पहुंच जाते।
ग्रामीणों ने कहा कि अडानी के अधिकारियों और उनके दलालों द्वारा पत्रकारों के साथ वही सुलूक किया गया जैसा कि पिछले महीने पेड़ कटाई के दौरान हम ग्रामीणों के साथ किया गया था। अब उनके द्वारा मीडिया के साथ जो किया गया है। पत्रकारों के द्वारा आए हुए ग्रामीणों से पूछताछ करने पर अडानी के अधिकारी और तथाकथित ग्रामीण दलाल नुमा लोग पत्रकारों के साथ जो किया इसकी चर्चा दूर दूर तक फ़ैल गई। यह बेहद निंदनीय है हम उसकी निंदा करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोयला प्रभावित गांव के लोगों को इन्ही दलालों के मार्फत कम्पनी के अधिकारी ग्रामीणों को कमजोर बनाकर जनसुनवाइयां भी सफल कराते हैं। उनका असली चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो चुका है। ऐसे लोगों को चिन्हांकित कर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए। ग्रामीणों ने बताया की फर्जी ग्राम सभा दस्तावेज मामले में कार्रवाई हेतु मय शपथ पत्र के साथ आवेदन दिया गया है। जिला दंडाधिकारी महोदय से इस संबंध में कार्रवाई की मांग की गई है। इसके पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात कर मामले को अवगत कराया गया है।
ग्रामीणों ने बताया की गुपचुप तरीके से दलाल नुमा लोग अडानी के अधिकारियों के साथ मिलकर कुछ ग्रामीणों को प्रलोभन देकर खदान चालू कराने और मुआवजे की मांग के लिए पहुंचे यह सब दलालों की षडयंत्र करार दिया।
Recent Comments